
Delhi Election Result 2025: दिल्ली में हुए विधानसभा चुनावों में इस बार दिल्ली की सरकार बनने जा रही है। इस बार बीजेपी पूरे 27 सालों के बाद दिल्ली में सरकार बनाएगी। इससे पहले साल 1993 भाजपा ने दिल्ली में सरकार बनाई थी। तब बीजेपी ने 49 सीटे जीती थी। और 5 साल में ही 3 मुख्यमंत्री बदले गए थे। फिर साल 1998 में कांग्रेस ने चुनाव जीत के भाजपा को सता से बाहर कर दिया था। उसके बाद आम आदमी पार्टी और कांग्रेस में ही दिल्ली की सत्ता पे राज किया है। बीजेपी हमेशा से सत्ता के बाहर ही रही है। हालांकि इस बार के चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटे जीत के वापसी कर ली है। वही दिल्ली की सत्ता पे 3 बार तक काबिज होने वाली आम आदमी पार्टी को सिर्फ 22 सीटें ही मिल पाई। वही अगर कांग्रेस की बात की जाए तो कांग्रेस दिल्ली में अपना खाता तक नहीं खोल पाई।
अरविंद केजरीवाल भी हारे।
नई दिल्ली विधानसभा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल और भाजपा के विधायक प्रवेश वर्मा के बीच कड़ा मुकाबला था| प्रवेश वर्मा ने केजरीवाल को कड़ी टकर देते हुए। 3000 से ज्यादा वोटो से हरा दिया है। गौरतलब हो कि नई दिल्ली विधानसभा वही सीट है जहा से 2013 के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को हराया था। इस बार भी इस सीट से भाजपा के प्रवेश वर्मा, आप के अरविंद केजरीवाल और कांग्रेस से संदीप दीक्षित के बीच में मुकाबला था। जिसमें प्रवेश वर्मा ने 3 हजार से ज्यादा वोटो से जीत दर्ज की।
दिल्ली की मुख्यमंत्री ने बचाई अपनी सीट।
दिल्ली की कालका जी सीट से दिल्ली की सीटिंग सीएम आतिशी ने अपनी सीट बचाए रखने में कामयाब रही है| उन्होंने बीजेपी के विधायक रमेश बिधूड़ी को चुनाव में ये 3500 से ज्यादा वोटो से शिकस्त दी है। कालका जी की सीट पे भाजपा के रमेश बिधूड़ी, आप से आतिशी और कांग्रेस की अलका लांबा के बीच मुकाबला रहा। आतिशी ने इस सीट पे 3521 वोटो से जीत हासिल की है।
पूर्व डिप्टी सीएम भी नहीं बचा पाए अपनी सीट।
दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम भी अपनी सीट बचाने में कामयाब नहीं रहे उन्हें बीजेपी के तरविंदर सिंह मारवाह ने चुनाव में शिकस्त दी है l सिसोदिया इस बार जंगपुरा की सीट से चुनाव लड़े थे। उन्हें 38184 वोट मिले। वही बीजेपी के तरविंदर सिंह को 38859 वोट मिले है। तरविंदर सिंह यहाँ से पहले भी 3 बार कांग्रेस से विधायक रहे चुके है। इस बार वो बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़े थे। हालांकि उनकी जीत का अंतर सिर्फ 675 वोटो का ही है। हालांकि इस बार जब मनीष सिसोदिया ने इस सीट से नामांकन भरा था तब से ही ये सीट हाई प्रोफाइल मानी जा रही थी। इससे पहले सिसोदिया 2020 का चुनाव पटपड़गंज की सीट से जीते थे। हालांकि जीत का अंतर बहुत ही कम था| इसलिए इस बार उन्हें पार्टी ने उन्हें जंगपुरा की सीट से चुनाव लड़वाया था। जो कि वो हर गए।
अवध ओझा भी हारे।
सोशल मीडिया पे सबसे ज्यादा एक्टिव रहने वाले और शिक्षा के क्षेत्र से राजनीति में आए अवध ओझा ने आप के टिकट पे पटपड़ गंज की सीट से चुनाव लड़ा था। ये वही सीट है जहां से पहले मनीष सिसोदिया चुनाव लड़ा करते थे। हालांकि ओझा इस सीट से चुनाव हार चुके है। उन्हें भाजपा के रविन्द्र सिंह नेगी ने 28 हजार से जायद वोटो से शिकस्त दी है।
खाता भी नहीं खोल पाई कांग्रेस।
इस बार दिल्ली के विधानसभा के चुनावों में कांग्रेस में अपने रिकॉर्ड को बनाए रखा है और इस बार भी कांग्रेस यहाँ खाता तक नहीं खोल पाई। बता दे के साल 2013 के चुनाव में जब आप ने सरकार बनाई थी उस टाइम उसे कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल था। हालांकि ये सरकार सिर्फ 49 दिन ही चल पाई थी। उसके बाद जब साल 2015 में फिर से चुनाव हुए थे| तो आप की सरकार बनी थी। फिर साल 2020 के चुनाव में भी आम आदमी पार्टी की ही सरकार बनी थी। 2015 और 2020 के चुनावों में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी।