
बीजापुर छत्तीसगढ़ नक्सली हमला : छतीसगढ़ के बीजापुर में एक बार फिर से नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया है | जिसने दंतेबाड़ा डीआरजी टीम के 8 जवान समेत एक ड्राईवर भी शहीद हो गया है| हमला इतना भयंकर था की जिस जगह पे हमला हुआ उस जमीन पे 15 फीट गहरा गड्डा हो गया और साथ ही जवानो के वाहन का मलवा भी 25 फीट ऊँचे पेड़ पे मिला है| पिछले कुछ दिनों से लगातार ही नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाये जा रहे है| जिसमे लगातार सफलता मिल रही है| साल २०२४ में भी नक्सलियों के खिलाफ मुठभेड़ में 141 से ज़यादा नक्सली ढेर हो चुके है| इसी कार्यवाही से डर के नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है| बस्तर आईजी पी. सुन्दराज के मुताबिक डीआरजी टीम के सभी जवान तीन दिनों के एंटी-नक्सल ऑपरेशन के बाद लौट रहे थे| तभी कुटरू थाना छेत्र के अमोली गाव के पास दोपहर २ बजे बारूदी सुरंग में विष्फोट करके गाड़ी को उड़ा दिया गया| इस घटना के बाद रायपुर फोरेंसिक टीम भी जाच के लिए मोके पर पहुच गई है|
पहले भी हो चुकी है बड़ी बारदात
साल 2010 में भी नक्सलियों ने सुरक्षा बल के जवानो पे बड़ा हमला किया था| दंतेवाडा जिले के ताडमेटला में नक्सलियों ने सीआरपीएफ के 76 जवानों को को अपना निशाना बनया था| उस समय सुरक्षाबल के 150 जवान सर्चिंग पे निकले थे| बापस लोटते समय 1000 नकसलियो ने जवानों के रास्ते में एम्बुश लगाया और| धमाका कर दिया जैसे ही धमाका हुआ नक्सलियों ने जवानों पे अनाधुन फाइरिंग कर दी| इस मुड़भेड़ में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए साथ ही 8 नक्सली भी मरे गए थे| यह सुरक्षा बलों पे हुआ नक्सलियों का सबसे बड़ा हमला था| इसके बाद 24 अप्रैल 2017 को भी छतीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने बड़े हमले को अंजाम दिया जिसमे सीआरपीएफ के 25 जवान शहीद हो गए थे| और कई जवान घायल हो गए थे|
सीएम विष्णुदेव साए ने दिया बडा बयान|
छतीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साए ने बयान दिया की नक्सलियों के खिलाफ हमारे जवानों द्वारा चलाये जा रहे अभियानो से डरे हुए है| इसी डर से नक्सलियों ने इस नापाक हरकत को अंजाम दिया है| साथ ही उन्होंने कहा के हमारे जवानों की शहादत को विर्यर्थ नहीं जाने दिया जायेगा| हम नक्सलबाद के खिलाफ लड़ाई को आगे भी मजबूती जरी रखेंगे हमारी समवेदनाये शाहीदो के परिजनों के साथ है| ईश्वर से शाहीद जवानों की आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्राथना करता हु|
गृह मंत्री ने दिया नक्सलमुक्त कराने का भरोसा|
देश के गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पोस्ट पे कहा के विजापुर में हुए हमारे जवानों पे हमले की सुचना से अत्यंत ही दुखी हु| वीर जवानों के परिजनों के प्रति गहरी समवेदंनए व्यकत करता हु| इस दुःख को शब्दों में व्यकत कर पाना असंभव है, लेकिन में विश्वास दिलाता हु की हमारे जवानों का बलिदान वियार्थ नहीं जायेगा हम मार्च 2026 तक भारत की भूमि से नक्सलबाद को समाप्त करके ही रहेंगे|
साल दर साल कमज़ोर हुआ नक्सलबाद
साल 2024 में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद में आकडे रखते हुए बताया था की| साल 2010 की तुलना में साल २०२४ में नक्सली घटनाओ में काफी कमी आई है | यह अकड़ा ७३% तक हुआ है वही अगर घटनाओ में होने वाली मोतो में भी ८६% तक की कमी आई है| जहा साल 2010 में नक्सली घटनाओ में 1005 मोते हुई थी| वही साल 2023 में सिर्फ 138 लोग ही मारे गए थे जिसमे सुरक्षावलो की संख्या भी शामिल है| उन्होंने वताया की २०१३ में देश के १० राज्यों के 126 जिलो तक फेला नक्सलबाद २०२४ में सिर्फ ९ राज्यों के ३८ जिलो तक ही सिमट के रहे गया है| वही अगर सरकारी आकड़ो की बात की जाये तो साल 2010 में जहा नक्सलबाद अपने चरम पे था वही ये साल २०२४ में काफी हद तक सिमट गया है| 2010 में नक्सल प्रभाबित 96 जिले थे वही २०२३ में ये सिर्फ 42 जिलो तक ही फेला है| वही अगर २०२४ की बात की जाये तो ये 30 जिलो के 89 पुलिस थानों तक ही फेला हुआ है| अभी तक नक्सली घटनाओ की बात की जाये तो साल 1995 से 2024 तक 5500 से ज़यादा नक्सली घटनाये हुई है| जिसमे 5 हज़ार से ज़याद आम नागरिक 3 हज़ार से ज़यादा जवानो की मोत हुई है| और 5 हज़ार से ज़यादा नक्सली भी मरे गए|