स्काई फोर्स अदम्य साहस और 1965 के युद्ध के नायकों को सलाम

स्काई फोर्स अदम्य साहस और 1965 के युद्ध के नायकों को सलाम करती एक फिल्म है। यह फिल्म न केवल युद्ध की रोमांचक घटनाओं को उजागर करती है, बल्कि उन वीर पायलटों की अनसुनी कहानियों को भी जीवंत करती है, जिन्हें वर्षों बाद उचित सम्मान मिला।


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स्काई फोर्स फिल्म भारतीय एयर फोर्स के उन जावाज़ योद्धाओं की कहानी है जिन्होंने 1965 में लडाकू विमानो के साथ पाकिस्तान में घुस के तवाही मचाई थी। लेकिन यह बात यही तक सीमित नहीं है बल्कि,यह बहादुर पायलेट टी विजया ( वास्तविक नाम एबी देवैया) के ऐसे कारनामें को दर्शाती  है जिसे उजागर होने में वर्षों लग गए और देश ने उन्हें वर्षों बाद सम्मानित किया ।

टी विजया ने कितना बड़ा काम किया था, इसकी खोज विंग कमांडर केओ आहूजा (वास्तविक नाम ओपी तनेजा) ने की थी और सरकार को पूरा रिसर्च रिपोर्ट  भेजी थी | फिल्म सच्ची घटनाओं पर आधारित हैं

लेकिन फिल्म में निर्देशक द्वारा इन वीर बहादुरों के नाम बदल दिए  बहतर गए हैं अगर इन असली हीरो के रियल नाम से ही किरदारों को संबोधित किया जाता तो हमारी नयी पीड़ी को इनके बारे में जानने का मोका मिलता |

आईये जाने फिल्म की शुरुआत 

1971 में, जब एक पाकिस्तानी पायलेट (शरद केलकर) को पकड़ लिया जाता है तो भारतीय वायुसेना द्वारा उन्हें पाकिस्तानी होने के कारण किसी प्रकार की हानी या अभार्दा भाषा का प्रयोग नहीं किया  जाता  बल्कि उन्हें उतना ही सम्मान दिया जाता है जितना एक भारतीय  सैनिक को दिया जाता है। विंग कमांडर आहूजा कहते है कि वर्दी का रंग भले ही अलग है , लेकिन है तो सैनिक ही। इसलिए सम्मान का हकदार हैं  इसी सम्मान की वजह से आहूजा को 1965 में अपने खोय हुए अपने भारतीय पायलेट के बारे मे उस पाकिस्तानी सैनिक से जानकारी मिलती हैं जिसे वह खो चुके थे और फिर विंग कमांडर द्वारा  उस दिशा में आगे बड़ते है यही से फिल्म की शुरुआत होती है जिसमे फिल्म को दो भागो में बटा हुआ है  इंटरवल पहले भाग में एयर स्ट्राइक को समर्पित किया गया  है और दुसरे भाग में लापता पायलेट की तलाश को ,  उन जबानों के प्रति मन सम्मान तब और बड़ जाता है जब पता चलता है कि भारतीय विमान के मुकाबले, पाकिस्तान के पास कहीं लड़ाकू विमान थे। फिल्म की शुरुआत धीमी है, लेकिन एयर स्ट्राइक वाले मुद्दे पर जब फिल्म आती है, तो रोमांच बड़ जाता हैं और  इंटरवल के बाद जब टी विजया का लापता वाला सीन सामने आता है तब फिल्म देश की भावनाओ में गोते लगवाती है।

निर्देशक संदीप केलवानी और अभिषेक अनिल कपूर के हाथ में एक बहतरीन कहानी थी, उन्होंने उसको देखने लायक फिल्म बनया है चूकिं एक एतिहासिक फिल्म एक एयर स्ट्राइक पर आधारित हैं, इसलिए दर्शको का मन में इस तथ्य को  जानने की जिज्ञासा ज्यादा देखने को मिलती हैं। टी विजया जिसका रोल शिखर पहाड़िया ने निभाया है और शायद अक्षय कुमार बड़े स्तर है। इसलिए उन्हें लीड रोल मे रख कर ये फिल्म बनाई है, लेकिन टी विजया ने जो काम किया हैं जिसने स्टार स्ट्राइक विमानों को चकमा दिया है। इस मूवी के कलाकार अक्षय कुमार, वीर पहाड़िया, सारा अलिखान, निमरत कौर, मनीष चौधरी, शरद केलकर, वरुण बडोला ने भी मुख्य भूमिका निभाई हैं। साल 2025 के पहले ही महीने में रिलीज ही उनकी फिल्म स्काई फोर्स दुनियाभर में अच्छी कमाई कर रही हैं । 4 दिनों में 92 करोड़ तक का वॉर्ड वाइड बिजनेस करने वाली मूवी ने मंगलवार एक नई ऊंचाई को छुआ है।

फिल्म की कहानी और प्रस्तुति

“स्काई फोर्स” मुख्य रूप से दो हिस्सों में बंटी हुई है—पहला भाग 1965 की एयर स्ट्राइक पर केंद्रित है, जबकि दूसरा भाग युद्ध के दौरान लापता हुए पायलट टी विजया (एबी देवैया) की खोज और उनकी वीरता को दर्शाता है। फिल्म की शुरुआत 1971 के युद्ध के एक दृश्य से होती है, जहां एक पाकिस्तानी पायलट (शरद केलकर) को पकड़ लिया जाता है। यहाँ निर्देशक सैनिकों के प्रति सम्मान और युद्ध के परे उनकी मानवता को दर्शाते हैं।

जब विंग कमांडर केओ आहूजा (ओपी तनेजा) को इस युद्धबंदी से 1965 में लापता हुए भारतीय पायलट की जानकारी मिलती है, तो फिल्म फ्लैशबैक में चली जाती है और हमें एयर स्ट्राइक तथा भारतीय वायुसेना की बहादुरी का गवाह बनाती है।

फिल्म की गति शुरुआत में धीमी लग सकती है, लेकिन जैसे ही एयर स्ट्राइक के दृश्य आते हैं, स्क्रीन पर रोमांच बढ़ जाता है। विशेष रूप से टी विजया का अपने स्टारफाइटर विमानों को चकमा देने वाला दृश्य दर्शकों को रोमांचित करता है।

कलाकारों का अभिनय

फिल्म में अक्षय कुमार, वीर पहाड़िया, सारा अली खान, निम्रत0 कौर, मनीष चौधरी, शरद केलकर, और वरुण बडोला जैसे कलाकार मुख्य भूमिकाओं में हैं। शिखर पहाड़िया ने टी विजया का किरदार निभाया है, जो काफी दमदार साबित हुआ है। अक्षय कुमार के बड़े स्टारडम को ध्यान में रखकर उन्हें लीड रोल में रखा गया है, लेकिन फिल्म में असली हीरो वही हैं, जिन्होंने असल युद्ध लड़ा था।

निर्देशन और तकनीकी पक्ष

संदीप केलवानी और अभिषेक अनिल कपूर ने निर्देशन में शानदार काम किया है। वॉर फिल्मों में जिस तरह की सटीकता और ऐतिहासिक संदर्भों की जरूरत होती है, उसे बखूबी बरकरार रखा गया है। हालांकि, फिल्म में असली नायकों के नाम बदलने की कोई जरूरत नहीं थी, क्योंकि यह सच्ची घटनाओं पर आधारित है।

फिल्म के एक्शन सीक्वेंस, विजुअल इफेक्ट्स, और सिनेमैटोग्राफी काबिल-ए-तारीफ हैं। विशेष रूप से एयर स्ट्राइक के दृश्यों को बड़े पर्दे पर देखना एक अद्भुत अनुभव है।

बॉक्स ऑफिस पर धमाकेदार प्रदर्शन

“स्काई फोर्स” साल 2025 की शुरुआत में रिलीज़ हुई और मात्र चार दिनों में 92 करोड़ रुपये का वर्ल्डवाइड कलेक्शन कर चुकी है। यह दर्शाता है कि भारतीय दर्शकों को इस तरह की देशभक्ति और युद्ध पर आधारित कहानियाँ काफी पसंद आती हैं।

निष्कर्ष

“स्काई फोर्स” न सिर्फ एक शानदार वॉर फिल्म है, बल्कि यह भारतीय वायुसेना के उन नायकों की गाथा है, जिनकी कहानियाँ अब तक पर्दे के पीछे छुपी हुई थीं। यदि आप देशभक्ति, ऐतिहासिक युद्ध, और साहसिक मिशन पसंद करते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए जरूर देखने लायक है।

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