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उत्तराखंड यूसीसी न्यू रूल, लिव इन में रहने वालों को धर्मगुरु से लेनी पड़ेगी परमिशन, ओर भरना पड़ेगा 16 पेज का फॉर्म।

उत्तराखंड यूसीसी न्यू रूल :  उत्तराखंड देश में यूसीसी (यूनिफार्म सिविल कोड) लागु करने वाला पहला राज्य बन गया है| यूसीसी के लागु होते ही एक  कई बिपक्षी पार्टिया और कुछ धार्मिक समुदाय ने इसका विरोध भी चालू कर दिया है | नियम के लागु होते ही लिव इन में रहेने वाले  नियमो पे बहस शूरु हो गई है| यूसीसी नियम में लिव इन रिलेसनशिप  को  साफ़ तोर से परिभाषित किया किया है| नए नियम के मुताबिक लिव इन में रहने वाले लोगो को अपना पंजीकरण वेब पोर्टल पे करवाना होगा| तथा 16 पेज का एकफॉर्म भी भरना होगा| इस  फॉर्म को भरने की प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफ लाइन दोनों प्रकार से होगी| साथ ही कपल की उम्र अगर 18 से 21 बर्ष के बीच है तो उन्हें इस बात की जानकारी अपने अभीभावको तक भी देनी पड़ेगी| साथ ही धर्म गुरु का भी एक प्रमाणपत्र भी देना पड़ेगा| अगर 30 दिनों के अंदर कोई कपल ऐसा नहीं करता तो नियम के मुताबिक नियायिक मजिस्ट्रेट के दोषी ठहराये जाने पर 3 माह की सजा या 10 हजार रुपये दंड दोनो का प्रावधान है|

क्यों किया गया है प्राबधान

लिव इन  के नियमो में ये बदलाब के पीछे ड्राफ्ट को तेयार करने वाली समिति का तर्क है की इस नियम का फायदा उन लोगो को मिलेगा जो लिव इन में तो रहते पर किसी कारण से रिश्ता खत्म होने के बाद या तो ब्लैकमेलिंग या रेप जैसे आरोपों का सामना करते है| इस प्रक्रिया के बाद ऐसे कैसो में कमी आयेगी| और साथ ही रिश्ते के दौरान हुए बच्चे के अधिकार भी सुरक्षित हो सकेंगे| क्योकि अभी तक ऐसी कोई प्रक्रिया नहीं है| न ही सरकार के पास लिव इन में रहने वालो का कोई डाटा है| हलाकि पंजीयन से जुड़े सभी डाटा को गोपनीय रखा जायेगा| सिर्फ 21 बर्ष से कम उम्र के बच्चो के अभिभाबको को ही इसकी जानकरी दी जाएगी| ये नियम लिव इन में रहने वाले लोगो की गोपनीयता और प्रोटेक्शन के लिए है| 

कोन नहीं करा सकता पंजीकरण|

बच्चे के अधिकार भी होंगे सुरक्षित|

इस नियम के मुताबिक लिव इन के दौरान हुए बच्चे को जायज़ माना जायेगा और उसको वो सभी अधिकार प्राप्त होंगे जो किसी भी जेबिक संतान को प्राप्त होते है| अगर कोई एक पार्टनर इस रिश्ते को खत्म करना चहता है तो उसे पंजीयन कार्यालय को देनी होगी| साथ ही पंजीयक कार्यालय इस जानकारी को दुसरे पार्टनर को देगा| साथ ही अगर कोई एक पार्टनर की उम्र 21 वर्ष से कम है| तो इसकी जानकारी उसके अभीभावक को भी देनी होगी|       

ये दस्तावेज देना अनिवार्य होगा|
 
उत्तराखंड लिव इन रजिस्ट्रेशन के लिए सिर्फ निवास,जन्मतिथि,आधारकार्ड ओर किराएदारी के मामले में किराएदारी से संबंधित दस्तावेज ही प्रस्तुत करने होगे। इसके अलावा जिन लोगों का पहले से तलाक हो चुका हे उन्हें विवाह खत्म होने का कानूनी आदेश प्रस्तुत करना होगा साथ ही जिसके पति या पत्नी की मृत्यु हो चुकी हे या जिनका पहले लिव इन रिलेशनशिप समाप्त हो चुका हे उन्हें इससे संबंधित दस्तावेज पंजीकरण के समय देने होगे।
 
यूसीसी पोर्टल को भी लांच किया गया|
 
पंजीयन से जुडी प्रक्रिया को सुगम और  आसान बनाने के लिए उतराखंड सरकार ने अपने यूसीसी पोर्टल UCC PORTAL कोई भी लांच कर दिया है | पोर्टल पे शादी, लिव इन का पंजीयन, किया जा सकता है| पंजीयन को और भी आसन बनने के लिए सरकार सभी किस्योस्क सेंटर को जोड़ने वाली है| जिससे की दूरदराज के इलाको में रहने वाले लोगो को बार बार सरकारी कार्यालयों के चक्कर न लगाने पड़े| पंजीयन करने के लिए आधार से वेरीफाई करना होगा तथा पंजीयन का शुल्क अलग अलग सर्विस के हिसाब अलग अलग से होगा|        
 
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